- न्यूज एजेंसी के मुताबिक अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट की रिसर्च फैलो कैथरीन जिमरमान ने कहा, "ISIS के मजबूत होने के बाद इराक के मगरिब और साहेल में दोबारा से स्थापित करने में जुटा है। वह भारत में घुसपैठ करा सकता है। दरअसल अल कायदा भारतीय उपमहाद्वीप में मजबूत होना चाहता है।"
- "लंबे वक्त से सीनियर लीडरशिप ने न केवल अफगानिस्तान-पाकिस्तान से खुद को दूर रखा हुआ है बल्कि उन्हें ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा खत्म किए गए अल कायदा कोर की जानकारी नहीं है।"
- "मौजूदा हालात में अल कायदा सीरिया, यमन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और कई देशों एक्टिव है।"
इंडियन सबकॉन्टीनेंट पर नजर रखना जरूरी
- जिमरमान ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप के हालात पर नजर रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि वहां पर अशांति बढ़ रही है।
- रैंड फाउंडेशन के सेथ जोन्स ने कहा कि बांग्लादेश में ISIS और सबकॉन्टीनेंट में अल कायदा से जुड़े गुट हिंसा की साजिश में जुटे हैं। कमजोर सरकारें, आर्थिक चुनौतियों और आतंकियों को मौकों के चलते अफगानिस्तान-पाकिस्तान वॉर जोन में तब्दील हो चुके हैं। ऐसा बांग्लादेश में भी हो सकता है।
मीडिया विंग अस-सहाब के जरिये किया प्रचार
- जोन्स ने कहा, "अल कायदा का भारतीय उपमहाद्वीप में विस्तार की वजह अफगानिस्तान में तालिबान की मजबूती हो सकती है। अल कायदा के तालिबान और अन्य संगठनों जैसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और लश्कर-ए-झांगवी से भी रिश्ते हैं।"
- "खासकर बांग्लादेश से अल कायदा को ऑपरेट किया जा रहा है, वहां से कई हमलों को अंजाम दिया गया है। भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा ने अपनी मीडिया विंग अस-सहाब के जरिये अपना प्रचार किया।"
उपमहाद्वीप में नया संगठन कायदा-अल-जिहाद
- जोन्स ने कहा, "इस आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान में कुछ हमलों को अंजाम दिया है, जो तालिबान की अगुआई में ज्यादा कारगर नहीं होते।"
- "सितंबर 2014 में अल कायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अपनी मौजूदगी का फायदा उठाने के लिए भारतीय उपमहाद्वीप में अपना क्षेत्रीय संगठन बनाने का एलान किया था।"
- "अल-जवाहिरी ने कहा था कि भारतीय उप महाद्वीप में अल कायदा के नए संगठन का नाम कायदा-अल-जिहाद है जिसके जरिये इस पूरे उप महाद्वीप में इस्लाम का राज फिर से स्थापित किया जाएगा।"
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